वो आज की औरत जो इंसान है, और इंसान होना चाहती है। वो आज की औरत जो इंसान है, और इंसान होना चाहती है।
मरने से मुश्किल है साहिब सकूं से जीना यहाँ। मरने से मुश्किल है साहिब सकूं से जीना यहाँ।
अछूत हम तब भी थे और आज भी हैं तुम्हारी उन्हीं दूषित नजरों में। अछूत हम तब भी थे और आज भी हैं तुम्हारी उन्हीं दूषित नजरों में।
सारा परिवेश बदल चुका है अब बदल गया है पड़ोसी...। सारा परिवेश बदल चुका है अब बदल गया है पड़ोसी...।
एक एक मत बहुमूल्य है, स्वचिंतन ही सुझाव है। एक एक मत बहुमूल्य है, स्वचिंतन ही सुझाव है।
मन में छुपी हुई है एक-एक अभिलाषा, दे नहीं सकते सभी की परिपूर्ण परिभाषा। मन में छुपी हुई है एक-एक अभिलाषा, दे नहीं सकते सभी की परिपूर्ण परिभाषा।